हम अक्सर अपना खुद का कारोबार शुरू करने के सपने देखते हैं , सही योजनाओं का कार्यान्वयन होने के साथ सही ब्राण्ड का चुनाव और मार्केटिंग, बिज़्नेस को सफल बनाने के लिए आवश्यक हैं। ब्राण्ड (जिसे व्यापार चिन्ह भी कहा जाता है और इंग्लिश में ट्रेड्मार्क) यदि ख़ास और अनूठा हो तो बिज़्नेस के सफलता में सहायक सिद्ध होता है।
ट्रेड्मार्क को पंजीकृत करना आवश्यक है और आप घर बैठे ही ट्रेड्मार्क पंजीकरण आवेदन कर सकते हैं । लेकिन इंटर्नेट पर विज्ञापित ट्रेड्मार्क रेजिस्ट्रेशन सर्विसेज़ अक्सर पूरी जानकारी नहीं देते हैं , जिसका ख़ामियाज़ा बाद में आवेदक को उठाना पड़ता है। मेरे पास अक्सर ऐसे केस आते है जहाँ ट्रेड्मार्क के पंजीकरण आवेदन करने के कुछ समय पश्चात भारतीय ट्रेड्मार्क ऑफ़िस उसे नामंज़ूर कर देती है , ऐसी स्थिति में आवेदक द्वारा ट्रेड्मार्क के प्रचार प्रसार में काफ़ी समय और पैसे का निवेश करने के बावजूद उस ट्रेड्मार्क का प्रयोग वर्जित हो जाता है।
नये ट्रेड्मार्क की परिकल्पना करते समय जिन भारतीय ट्रेड्मार्क क़ानून और नीयमों को ध्यान में रखना चाहिए उनपर चर्चा से पहले जानते है ट्रेड्मार्क के स्वरूप में क़ानून आपको क्या समन्वित करने की अनुमति देता है। ट्रेड्मार्क में शब्दों का प्रयोग तो होता ही है , इसके अतिरिक्त प्रतीक चिन्ह (logo) , अक्क्षर, संख्या , वाक्य (नारा , slogan) , रंग , सामान का आकार, ब्राण्ड , टिकट , हस्ताक्षर , लेबल का मुख्यतः प्रयोग होता है। उदाहरण के तौर पर हम ऐल आइ सी (LIC) के प्ट्रेड्मार्क को देखते है।
आइए ग़ौर करें की नए ट्रेड्मार्क चयन करते समय कौन सी कुछ प्रमुख सावधानियाँ बरतनी चाहिए
ग़ौर कीजिए इसमें हाथों और दीये के डिज़ाइन के साथ संस्कृत के श्लोक का प्रयोग कर प्रतीक चिन्ह बनाया गया है और नीचे में नारा है। इस ख़ास डिज़ाइन को या इससे मिलते जुलते डिज़ाइन को ‘ऐल आइ सी’ के अतिरिक्त कोई और नहीं प्रयोग कर सकता है। ट्रेड्मार्क पंजीकृत करने का मुख्य लाभ है, अपने ट्रेड्मार्क पर मालिकाना एकाधिकार और बिना अनुमति किसी के भी द्वारा इसका अवांछित प्रयोग करना ग़ैरक़ानूनी और दंडनीय है।
सर्व प्रथम ट्रेड्मार्क नया और विशिष्ट हो और किसी और के ट्रेड्मार्क से पूर्ण रूप से भिन्न हो।नए ट्रेड्मार्क का कुछ ख़ास और अनूठा स्वरूप होना चाहिए , जैसा की किसी और के बिज़्नेस से सम्बंधित पहले से इस्तेमाल में नहीं हो। इस सिलसिले में पंजीकरण आवेदन से पूर्व ये सुनिस्चित करना आवश्यक होता है की बिलकुल समान या मिलता जुलता ट्रेड्मार्क मार्केट में पहले से किसी व्यापार से सम्बंधित उपयोग में तो नहीं। भारतीय ट्रेड्मार्क ऑफ़िस के रेकोर्ड में भी समान या मिलते हुए ट्रेड्मार्क का खोज करने का क़ानूनी प्रावधान है।
ट्रेड्मार्क संकेतात्मक रूप से क़िस्म , गुणवत्ता या मात्रा आदि किसी भी विशेषता को दर्शाता नही हो ये आवश्यक है। सामान्य तौर पर व्यापार में इस्तेमाल होने वाले शब्दों पर भी ट्रेड्मार्क के रूप में एकाधिकृत नहीं हो सकता । उदाहरण स्वरूप ‘लीटर’ या ‘ग्राम’ जैसे शब्द जो सामान्यतः मात्रा को इंकित करने में प्रयोग होते हैं इन्हें ट्रेड्मार्क के रूप में पंजीकृत कर इनपर एकाधिकार नहीं किया जा सकता हैं।
कुछ अन्य महत्वपूर्ण सावधानियाँ जो अनिवार्य हैं , विशेषतः सुनिश्चित कर लें की ट्रेड्मार्क अपवादजनक नहीं हो और न ही धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाता हो, जन मानस को धोखे में डाल किसी प्रकार की भ्रांति नहीं फैलाता हो। ऐसे विशिष्ट प्रतीक चिन्ह और गणमान्य व्यक्तियों के नाम भी ट्रेड्मार्क के तौर पर पंजीकृत नहीं कर सकते जिन्हें ट्रेड्मार्क अधिनियम के अतिरिक्त किसी और क़ानून के तहत पंजीकृत करना वर्जित है
ट्रेड्मार्क पंजीकरण में रुकावटों से बचने के लिए ऊपर निर्दिष्ट सुझावों के अनुसार, ऐसे ट्रेड्मार्क का चयन करें जो ख़ास हो और आपके बिज़्नेस को अलग पहचान देने में सहायक हो।
पंजीकरण में सहायता के लिए ईमेल करें sudhamanjulajha@gmail.com या फ़ोन करें +91-8929203324
ट्रेड्मार्क की पूर्ण पंजीकरण प्रक्रिया को तीन चरणों में विभाजित किया जा सकता है
पहला चरण ,
(व्यापक सर्च क्लास वाइज, सर्च रिपोर्ट, ट्रेडमार्क ऐप्लिकेशन तैयार करना और दाखिल करना आवश्यक दस्तावेजों के साथ)
ट्रेडमार्क को इस्तेमाल किए जाने वाले उत्पाद या सेवाओं की श्रेणी (क्लास) के अनुसार विभिन्न वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है।
ट्रेडमार्क एप्लिकेशन दाखिल करने से पहले, यह सुनिश्चहित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि ट्रेडमार्क एप्लिकेशन किस वर्ग के अंतर्गत आता है और ट्रेडमार्क पंजीकृत करने के लिए, आवेदन उस वर्ग में दायर किया जाना चाहिये ।आवेदन से पूर्व आवश्यक है ट्रेड्मार्क ऑफ़िस के आधिकारिक रिकॉर्ड में एक व्यापक खोज करना , कि कोई मिलता हुआ समान ट्रेड्मार्क पहले से पंजीकृत या आवेदित तो नहीं। यदि है तो ट्रेड्मार्क ऑफ़िस आपके आवेदन पर आपत्ति कर सकता है या ख़ारिज भी कर सकता है।
दूसरे चरण में ,
भारतीय ट्रेड मार्क कार्यालय द्वारा आवेदन की औपचारिक परीक्षा के पश्चात, ट्रेडमार्क कार्यालय या तो;
आवेदन पास कर उसे आधिकारिक जर्नल में प्रकाशन के लिए अग्रेषित करता है
या
ट्रेडमार्क के पंजीकरण पर आपत्ति कर आवेदक को आपत्ति की आधिकारिक रिपोर्ट की नोटिस देता है।
आपत्तियां प्राप्त करने पर, आपत्तियों पर विस्तृत लिखित प्रतिक्रिया ट्रेडमार्क कार्यालय को प्रस्तुत करनी होती है। तत्पश्चात ट्रेडमार्क परीक्षक के समक्ष सुनवाई निर्धारित करने की आवेदन की जा सकती है।
आवेदक के पक्ष में या तो सफल सुनवाई पर,
या
जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है, यदि ट्रेडमार्क कार्यालय से कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई है , ट्रेडमार्क एप्लिकेशन को ट्रेड मार्क्स ऑफिशियल जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा।
चरण तीन:
इसमें क्या शामिल है:
(ट्रेडमार्क के पंजीकरण के बाद का प्रकाशन)
ट्रेडमार्क आवेदन के आधिकारिक ट्रेडमार्क जर्नल में प्रकाशित होने के पश्चात, प्रकाशन तिथि से चार महीने की अवधि के भीतर आवेदन का विरोध उनके द्वारा किया जा सकता है जो समान या मिलते जुलते ट्रेड्मार्क का पहले से प्रयोग कर रहे हैं।
यदि निर्धारित समय अवधि के भीतर ऐसा कोई विरोध दायर नहीं किया जाता है, तो पंजीकरण प्रमाण पत्र आवेदक को ट्रेडमार्क रजिस्ट्री द्वारा जारी किया जाता है।
लेकिन यदि मामले मे विरोध दायर किया जाता है, तो विपक्षी कार्यवाही आवेदक के पक्ष में समाप्त होने पर , ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रमाणपत्र आवेदक को ट्रेडमार्क रजिस्ट्री द्वारा जारी किया जाता है।
एक बार ट्रेडमार्क पंजीकृत होने के बाद, यह आवेदन की तारीख से 10 वर्षों की अवधि के लिए वैध होता है जिसे हर 10 वर्षों में नवीनीकृत किया जा सकता है।
पंजीकरणमेंसहायताकेलिएईमेलकरें sudhamanjulajha@gmail.com याफ़ोनकरें +91-8929203324