आपका ब्रांड (नाम, लोगो, टैगलाइन), दूसरे लोग अवैध तरीक़े से कॉपी न कर सकें, इसके लिए ज़रूरी है आपके ट्रेडमार्क का रजिस्ट्रेशन।तो आइए ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को समझते हैं।
ट्रेडमार्क सर्च:
नया ट्रेडमार्क चुनने से पहले ज़रूरी है यह देखना कि वह पहले से किसी और के नाम पर तो पंजीकृत नहीं है। इसे ही कहते हैं ट्रेडमार्क सर्च।यह सर्च इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर कोई समान मार्क (ट्रेडमार्क) पहले से मौजूद है, तो आगे जाकर आपका आवेदन रुक भी सकता है।यह प्रक्रिया आधिकारिक आईपी इंडिया वेबसाइट पर ट्रेडमार्क खोज (Trademark Search) को क्लिक करके आप कर सकते हैं। ज़रूरी है की आप इस सर्च के द्वारा यह पता लगायें की आपकी प्रस्तावित चिह्न नवीन है और पहले से उपयोग में नहीं है। यदि पहले से कोई मिलता हुआ ट्रेडमार्क रिकॉर्ड पर है तो आप किसी अन्य मार्क का चयन कर पाते हैं। यह कदम विवादों से बचने और पंजीकरण के दौरान समय बचाने में मदद करता है।
ट्रेडमार्क आवेदन:
खोज के द्वारा उपलब्धता की पुष्टि होने के बाद, अगला चरण आवेदक का विवरण, वस्तुओं या सेवाओं का वर्ग, और ट्रेडमार्क का स्पष्ट प्रतिनिधित्व प्रस्तुत करके ट्रेडमार्क रजिस्ट्री में ऑनलाइन या ऑफलाइन ट्रेडमार्क आवेदन दायर करना है।इसमें कुछ बुनियादी जानकारी देनी होती हैं:
ट्रेडमार्क सर्च, आवेदन, पंजीकरण और लाइफ़टाइम फ़्री कस्टमर सपोर्ट – इन सबके लिए व्हाट्सऐप बटन पर क्लिक करके हमसे जुड़ें
💬 Chat on WhatsApp- आपका या आपके व्यवसाय का नाम, पता आदि
- किस तरह की सेवा या उत्पाद के लिए आप मार्क चाहते हैं (Class),
- आपका मार्क (लोगो या शब्दचिह्न) और
- यदि आप पहले से मार्क का प्रयोग कर रहे हैं तो उसके आवश्यक दस्तावेज़
- फ़ीस
जाँच और आपत्ति:
दाखिल करने के बाद, आवेदन रजिस्ट्रार द्वारा जाँचा जाता है, जो कानूनी प्रावधानों के अनुपालन की जाँच करता है और रिकॉर्ड पर मौजूदा ट्रेडमार्क के साथ किसी भी प्रकार की समानता तो नहीं इसकी पहचान करता है।
यदि ट्रेडमार्क रजिस्टरी आवेदन पर आपत्ति करती हैं, तो आवेदक लिखित उत्तर प्रस्तुत कर सकता है या अपने मामले को स्पष्ट करने के लिए सुनवाई में उपस्थित हो सकता है।
प्रकाशन एवं अनुदान:
आवेदन के इस चरण में सफल होने के बाद, इसे ट्रेडमार्क जर्नल में चार महीने की अवधि के लिए प्रकाशित किया जाता है। इससे अन्य पक्षों (जिनके मार्क आपके मार्क से मिलते हो) को यदि लगता है कि प्रकाशित ट्रेडमार्क उनके अधिकारों का उल्लंघन करता है, तो उन्हें विरोध दर्ज कराने का अधिकार मिल जाता है।
यदि कोई विरोध दर्ज नहीं किया जाता है, या मामला आवेदक के पक्ष में सुलझ जाता है, और प्रकाशित ट्रेडमार्क पंजीकरण की प्रक्रिया में चला जाता है।
पंजीकरण एवं नवीनीकरण:
सफल पंजीकरण पर, आवेदक को एक ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त होता है, जो उन्हें निर्दिष्ट वस्तुओं या सेवाओं के लिए ट्रेडमार्क के उपयोग का विशेष अधिकार प्रदान करता है।
ट्रेडमार्क आवेदन की तिथि से 10 वर्षों तक वैध रहता है और समय पर नवीनीकरण आवेदन के साथ इसे अगले दस वर्षों के ब्लॉक में अनिश्चित काल के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।
ट्रेडमार्क का पंजीकरण न केवल कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि ब्रांड पहचान, उपभोक्ता विश्वास और बाजार में एक मजबूत उपस्थिति बनाने में भी मदद करता है। उद्यमियों, स्टार्टअप्स और स्थापित कंपनियों के लिए, दीर्घकालिक ब्रांड सुरक्षा एक आवश्यकता है।
ट्रेडमार्क सर्च, आवेदन, पंजीकरण और लाइफ़टाइम फ़्री कस्टमर सपोर्ट – इन सबके लिए व्हाट्सऐप बटन पर क्लिक करके हमसे जुड़ें
💬 Chat on WhatsApp